कुंडली में आईएएस बनने के योग (Kundli Mein IAS Banane Ke Yog)

          भारत में प्रत्येक वर्ष लाखों परीक्षार्थी आईएएस की परीक्षा देते हैं। प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में सफलता पाना चाहता है। परन्तु गिने चुने लोग ही इसमें सफलता प्राप्त करते हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा में सफलता पाने के लिए व्यक्ति की कुंडली में उच्च विद्या एवं तेज के कारक सूर्य,  ज्ञान के कारक बृहस्पति एवं बुद्धि के कारक बुध ग्रह की विशेष भूमिका होती है। आइए जानते हैं कुंडली में इन ग्रहों का किस स्थान में होना आईएएस अधिकारी बनाने में सफलता दिलाएगा।

  • यदि केंद्र या लग्न में सूर्य एवं बुध स्थित हों और उन पर गुरु की शुभ दृष्टि पड़ रही हो तो जातक का आईएएस बनने के योग होते हैं।
  • यदि कुंडली में लग्न लग्नेश को देखे और साथ ही भाग्येश, केंद्र या त्रिकोण में स्थित हो तो जातक का आईएएस बनने के योग होते हैं।
  • यदि धनेश लाभ स्थान में बैठ कर १०वें भाव के स्वामी से दृष्ट हो या १०वें भाव के स्वामी के साथ हो तो जातक का आईएएस बनने के योग होते हैं।
  • यदि गुरु उच्च या स्वराशि हो और लग्नेश एवं दशमेश उच्च या स्वराशि के हो कर केंद्र या त्रिकोण में स्थित हों तो जातक का आईएएस बनने के योग होते हैं।
  • यदि सूर्य और बृहस्पति का योग हो और मंगल शुभ भाव में बली हो तो आईएएस में सफलता देता है।
  • यदि १०वें भाव का स्वामी केंद्र या त्रिकोण में शुभ ग्रहों से दृष्ट हो तो उच्च प्रशासनिक अधिकारी बनता है।
  • यदि कुंडली में सूर्य उच्च का हो और भाग्य स्थान में उच्च का गुरु या शुक्र शुभ ग्रहों से दृष्ट हो तो उच्च राजकीय पद दिलाता है।
  • यदि मेष लग्न हो और सूर्य एवं बुध पंचम में व गुरु नवम भाव में हो तो वह जातक उच्च प्रशासनिक अधिकारी बनता है।
  • यदि वृषभ लग्न हो और बुध-सूर्य पंचम भाव में साथ हो एवं उन पर गुरु की पूर्ण दृष्टि हो तो वह जातक आईएएस में सफल होता है।
  • यदि कर्क लग्न में गुरु पंचम भाव में हो एवं सूर्य-बुध नवम भाव में हो तो ऐसा जातक प्रशासनिक व्यवस्था में सफल होता है।
  • यदि सिंह लग्न हो और गुरु पंचम में तथा सूर्य-बुध नवम भाव में हो तब वह आईएएस बनाता है।
  • यदि सिंह लग्न हो और सूर्य-बुध लग्न में हो व गुरु नवम भाव में हो तब वह आईएएस बनता है।
  • यदि वृश्चिक लग्न हो और गुरु पंचम भाव में व सूर्य दशम में, बुध एकादश भाव में हो तो यह योग आईएएस बनता है।
  • यदि धनु लग्न हो और गुरु लग्न में हो, सूर्य नवम में व मंगल पंचम में बुध दशम भाव में हो तो यह योग आईएएस बनता है।
  • यदि मीन लग्न हो और गुरु लग्न में हो या नवम भाव में सूर्य लग्न में बुध द्वितीय भाव में हो व मंगल नवम में हो तो यह योग आईएएस बनता है।
  • यदि कुंडली में बुधादित्य योग मेष,मिथुन, सिंह या कन्या राशि में शुभ स्थान में बने तो यह योग प्रशासनिक व्यवस्था में सफलता देता है।
  • यदि कुंडली में सूर्य उच्च का हो और गुरु प्रबल हो तो विद्या में सफलता देता है और आईएएस बनाने में सहयोगी होता है।

         आईएएस जैसे उच्च सरकारी पद पर बैठे जातक एक तरह से राजा की श्रेणी में ही आते हैं। ऐसे जातकों की जन्म कुंडली में राजयोग, लक्ष्मी योग, विशिष्ट वैभव योग शौर्य योग, गजकेसरी योग तथा उच्च पदाधिकारी योग अदि विद्यमान होते हैं। जातक की कुंडली में ग्रहों की शुभता, उच्चता तथा शुभ योग ही उसे उच्च पदों पर सुशोभित करते हैं। कीसी उच्च पदाधिकारी पद को प्राप्त करने के लिये ज्योतिष शास्त्र के अनुसार लग्न, दशम, षष्ठ स्थानों का कुंडली में प्रबल होना एवं इन भावों के भावेशों का शक्तिशाली होना अत्यंत आवश्यक है। सफलता, पराक्रम व साहस के लिए तृतीय भाव, भावेश व उसका कुंडली में उत्तम स्थान पर प्रतिष्ठित होना अति महत्वपूर्ण है। इससे अतिरिक्त लग्न तथा दशम स्थान बलवान व सशक्त होने के साथ-साथ लग्नेश तथा दशमेश का उत्तम स्थान पर होना अति आवश्यक है।

 

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संपर्क सूत्र : kalkajyotish@gmail.com

 

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ज्योतिष आचार्या
ममता वशिष्ट
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
कालका ज्योतिष अनुसन्धान संसथान

11 thoughts on “कुंडली में आईएएस बनने के योग (Kundli Mein IAS Banane Ke Yog)

  1. MERA NAAM AJEET SINGH RAWAT HAI.
    Meri dob 22-1-1994
    Time-3.20PM (15:20 PM)
    Place-delhi
    Mai 2020 me ias ka exam dunga kya success milegi..plz btaye. kya upay karoo main apne yog ko safal karne ke liye

  2. My Date of Birth = 02-05-1988 …monday
    Time = 04: 20 AM …morning
    Place = Solapur…Maharashtra

    I appeared 2020 UPSC …IPS …POLICE EXAM …
    WILL B GET SUCCESSFUL RESULTS….
    PLEASE REPLY…..

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