हथेली में पाए जाने वाले चिन्ह भाग ३ (Hatheli Mein Paye Jane Wale Chinh Part 3)

          हस्त रेखा विशेषज्ञ जातक के भविष्य की गणना केवल हस्त रेखाओं से ही नहीं बल्कि हथेली में पाए जाने वाले चिन्हों से भी करते हैं। प्रत्येक चिन्ह जातक के भविष्य में होने वाले शुभाशुभ घटनाओं का संकेत देते हैं। इसलिए हस्त रेखा विशेषज्ञ को हथेली में रेखाओं के अध्यन के साथ साथ हथेली में पाए जाने वाले चिन्हों का भी बारीकी से अध्यन करना चाहिए। आइए अब जानते हैं हथेली पर पाए जाने वाले कुछ चिन्हों के शुभाशुभ प्रभाव।

तारा (Tara) : यह अत्यंत शुभ चिन्ह किसी भी रेखा के अंतिम सिरे पर हो तो उस रेखा का पभाव काफी बढ़ जाता है। तारा हथेली के जिस पर्वत पर होता है उस पर्वत की शक्ति                                   काफी बढ़ जाती है।

  • यह शुभ चिन्ह बृहस्पति पर्वत पर हो तो जातक को शक्तिशाली एवं प्रतिष्ठति बनता है व मान सम्मान बढ़ता है।
  • यह सूर्य पर्वत पर हो तो जातक को अपर धन देगा और अच्छा पद एवं प्रभाव देगा परन्तु मन में खुशी की अनुभूति नहीं होगी।
  • यह चन्द्र पर्वत पर हो तो जातक को लोकप्रियता एवं यश देगा और जातक को कलाकर भी बना सकता है।
  • यह मंगल पर्वत पर हो तो जातक को सौभाग्यशाली बनता है।
  • यह बुध पर्वत पर हो तो जातक को विज्ञान के क्षेत्र के साथ साथ हर कार्य में सफलता देता है।
  • यह शुक्र पर्वत पर हो तो जातक को प्रेम प्रसंग में सफलता प्रदान करेगा।
  • यह शनि पर्वत पर हो तो जातक को जीवन में कामयाबी मिलेगी, परंतु इसके लिए जातक को बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा।

द्वीप (Dweep) : यह अतिअशुभ चिन्ह जातक के दुर्भाग्य का संकेत देता है। यह चिन्ह जिस पर्वत या रेखा पर होता है उस पर विपरीत प्रभाव डालता है।
यह चिन्ह गुरू पर्वत पर हो तो जातक के मान सम्मान की हानि होती है और जातक जीवन के उद्देश्य को प्राप्त करने में असफल होते हैं।

  • यह चिन्ह सूर्य पर्वत पर होने से सूर्य का प्रभाव क्षीण होता है और जातक की कलात्मक क्षमता उभर नहीं पाती है।
  • यह चिन्ह चन्द्र पर्वत पर हो तो जातक की कल्पना शक्ति प्रभावित होती है।
  • यह चिन्ह मंगल पर्वत पर हो तो जातक के अंदर साहस एवं हिम्मत की कमी होती है।
  • यह चिन्ह बुध पर्वत पर हो तो जातक का मन अस्थिर एवं उचट रहता है।
  • यह चिन्ह शुक्र पर्वत पर हो तो जातक अधिक शौकीन होते हैं और सुन्दरता के प्रति दीवानगी रखते हैं।
  • यह चिन्ह शनि पर्वत पर हो तो जातक के अधिक मेहनत के बाद ही कोई काम सफल होगा।
  • यह चिन्ह अगर हृदय रेखा पर हो तो जातक हृदय रोग से पीड़ित होगा।
  • यह चिन्ह मस्तिष्क रेखा पर होने से जातक को मानसिक रोग व परेशानियों का सामना करना पड़ता है और जातक सिर दर्द की बीमारी से पीड़ित होता है।

गुणा या क्रॉस (Guna Ya Cross): यह चिन्ह जातक को शुभ एवं अशुभ दोनों ही प्रभाव प्रदान करता है यहाँ यह कठिनता, निराशा, दुर्घटना और जीवन में आने वाले बदलाव को दर्शाता है वहीँ यह कुछ स्थितियों में लाभदायक भी होता है।

  • यह चिन्ह बृहस्पति पर जातक की रूचि गुप्त एवं रहस्यमयी विषयों में होती है।
  • यह चिन्ह सूर्य पर्वत पर हो तो जातक की आर्थिक दशा कमजोर होगी और उसे विभिन्न प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।
  • यह चिन्ह मंगल पर्वत पर बुध के नीचे हो तो जातक को शत्रुओं से सावधान रहना चाहिए।
  • यह चिन्ह मंगल पर्वत पर बृहस्पति के नीचे हो तो जातक को संघर्ष से बच कर रहना चाहिए अन्यथा आपकी जान को खतरा रहता है।
  • यह चिन्ह शनि पार्वत पर हो और भाग्य रेखा को छू रहा हो तो जातक की दुर्घटना या संघर्ष में जान का खतरा होता है।
  • यह चिन्ह जीवन रेखा पर जिस स्थान पर हो उस आयु में जातक के प्राण को संकट रहता है और जातक के आपके अपने करीबी रिश्तेदारों से अच्छे सम्बन्ध नहीं रहते हैं।
  • यह चिन्ह शुक्र पर हो तो जातक को प्रेम प्रसंगों में हानि उठानी पड़ती है।

त्रिकोण (Trikon) : यह चिन्ह शुभता का संकेत देता है। यह हथेली में साफ व स्पष्ट होने से जातक की सोचने समझने की क्षमता अच्छी होती है। यह चिन्ह जातक की हथेली में हथेली में जिस स्थान पर होता है उस स्थान पर मौजूद ग्रह शक्तिशाली हो कर अनुकूलता प्रदान करते हैं।

  • यह चिन्ह बृहस्पति पर हो तो जातक को प्रबंधन की क्षमता एवं जनसमुदाय को निर्देशित करने की योग्यता प्रदान करता है।
  • यह चिन्ह सर्य पर्वत पर हो तो जातक को कला के क्षेत्र में सफलता और गंभीर स्वभाव प्रदान करता है।
  • यह चिन्ह चन्द्र पर्वत पर हो तो जातक की कल्पना व सोच निराधार नहीं होती है।
  • यह चिन्ह मंगल पर्वत पर हो तो जातक कठिन घड़ी में भी अपने आप पर नियंत्रण रखता है और अपनी चतुराई एवं अक्लमंदी से स्थितियों को अपनी ओर कर लेते है। यह
  • चिन्ह बुध पर्वत पर जातक व्यापार, व्यवसाय एवं आर्थिक विषयों में सूझ बूझ भरा निर्णय लेकर अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में कामयाब होते हैं।
  • यह चिन्ह शुक्र पर्वत पर हो तो जातक के प्रेम प्रसंगों के लिए ही अतिशुभ माना जाता है और जातक अपने मन को काबू में रख पाने में सफल होता है।
  • यह चिन्ह शनि पर्वत पर हॉट तो जातक को गुप्त विद्याओं की ओर आकर्षित करेगा और जातक चमत्कारी विद्याओं से चकित करने की चाहत रखता होगा।

वर्ग (Varg) : यह चिन्ह शुभ फल प्रदान करता है। इस चिन्ह को रक्षा कवच के रूप में भी जाना जाता है क्योकि यह निशान जातक को जीवन में आने वाली समस्याओं को सहने की ताकत देता है और आपके अंदर की क्षमता को बढ़ाता है जिससे आप आने वाली किसी भी कठिनाई से लड़कर अपने आपको सामान्य स्थिति मे ले आते हैं।

  • यह चिन्ह बृहस्पति पर्वत पर हो तो जातक महत्वाकांक्षी होता है और उसके स्वप्न आसमान की बुलंदियों को छूते हैं।
  • यह चिन्ह सूर्य पर्वत पर हो तो जातक लोकप्रियता और प्रसिद्धि प्राप्त करने के लिए अत्यंत उत्सुक होता है।
  • यह चिन्ह चन्द्र पर्वत पर हो तो जातक अधिक कल्पनाशील होता है और वह स्वप्नों की दुनियां में खोया रहता है।
  • यह चिन्ह मंगल पर्वत पर हो तो जातक को अपने शत्रुओं से सावधान रहना चाहिए।
  • यह चिन्ह बुध पर्वत पर हो तो जातक के मानसिक असंतुलन को दर्शाता है।
  • यह चिन्ह शुक्र पर्वत पर हो तो जातक को उन स्थितियों से बचाता है जब वह जोश में आकर कोई गलत कदम उठा लेता है और संकट में घिर जाते है।
  • यह चिन्ह शनि पर्वत पर हो तो जातक को जीवन में कई स्थानों पर नुकसान या क्षति की स्थिति से गुजरना होता है।

जाल (Jaal) : हथेली पर जालीनुमा चिन्ह होना सामुद्रिक ज्योतिष में शुभ नहीं है। यह चिन्ह हथेली पर जहां भी होता है उस स्थान से सम्बन्धित फल को नष्ट कर देता है। यह चिन्ह जिस पर्वत पर होता है उस पर्वत की गुणवत्ता कम हो जाती है। यह चिन्ह जातक के जीवन में कठिनाईयों से भर देता है।

  • यह चिन्ह गुरू पर्वत पर हो तो जातक को घमंडी एवं अहमवादी बनाता है।
  • यह चिन्ह सूर्य पर्वत पर हो तो जतक अपनी झूठी प्रतिष्ठा के लिए दिखावा करने वाला होता है।
  • यह चिन्ह चन्द्र पर्वत पर हो तो जातक अंदर से व्याकुल, अस्थिर और बेचैन रहता है।
  • यह चिन्ह शुक्र पर्वत पर हो तो जातक प्रेम में सभी हदें पार कर देने वाला होता है और ऐसे जातक की खूब बदनामी भी होती है।
  • यह चिन्ह शनि पर्वत पर हो तो जातक को शारीरिक रूप से अस्वस्थ एवं कमज़ोर बनाता है और साथ ही यह जातक को दुखी रखता है।

 

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ज्योतिष आचार्या
ममता वशिष्ट
अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
कालका ज्योतिष अनुसन्धान संसथान

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